Friday 30 August 2013

Akelapan.............

alzaimar

Janty hai akelepan ki apni vyesttaye hoti hai par kabhi-kabhi lagta hai is akelepan ki taraf  peeth kar lay..........hata dy esy apni aatma sy khurach-khurach kar par yahi to takat hai meri jo mujhe ab tak "alzaimar" sy bachaye hue hai...........to kesy durr jau es say to chalo vapas lout aaty hai apny chir-parichit saathi "akelepan" k paas jo mera saath kabhi nahi chorta..................... 

Wednesday 28 August 2013

Wednesday 14 August 2013

kriyaye.............

सुनो ,"विशेषण" से हमेशा बचना ,वह जितना बताता है ,उससे ज्यादा छुपाता है। "संज्ञा " के पास जाओ ,लेकिन यह याद रखो कि पहली मुलाकात मैं वे अपने बारे मैं उतना ही बताती है ,जितना हर किसी को मालूम है। "सर्वनाम" से मिलो ही मत ,जब यह अपना ही न हुआ तो किसी और का क्या होगा।
                   और बच गयी "क्रियाए ", तो यही जीवन है। जो भी क्रिया ठीक से की जाये वह तुम्हें ले जाएगी उन तमाम अन्य क्रियायो की और , उर्जा दस दिशा ,सब कुछ प्रदान करते हुए , इस हद तक कि तुम खुद को पाओगे , इस महा प्रश्न के मुंह मैं की करे तो क्या करे और क्या न करे !
    

Tuesday 6 August 2013

AAROH...............

आरोह,…… चढ़ते मैं उतरते व्यक्ती   से मिलो तों नमन करना उसे , उसके  अधिकार मैं है तुम्हारा विनम्र  अभिवादन, तुमसे पहले हुआ था वह शिख्रर  पर आसीन  तुमसे पहले उसने जाना है शिखर का भावार्थ,
उसके उतरने मैं पाठ है गूढ़ और अगूढ़  कि  तुम्हारा उतरना है तय ,देखो ! उसके भाल पर  छपा है शिखर ,बहुत रूककर  ,झुककर  करना अभिवादन ,चूके ,तो शायद छु नहीं पाओगे  तुम कोई शिखर ……